आकर्षण का सिद्धांत

law of attraction क्या है और Positive Thinking क्या है. कैसे हमारे लाइफ में अट्रैक्शन काम करता है


Positive Thinking क्या है?
पॉजिटिव (Positive ) थिंकिंग (Positive Thinking) का अर्थ है ऐसी सोच जिसमे आपके विचार पॉजिटिव (Positive ) ही पॉजिटिव (Positive ) हो मतलब एक ऐसा प्रयास जिसमे वर्तमान स्थिति कुछ भी हो आप ये प्रयास करते है की आप अपने दिमाग में अच्छे विचार लाये और उन विचारों से आप के आपने वाले हर विचार आपको सही दिशा में ले जाए. दोस्तों ये विचार ही है जो हमें दुनिया में प्रसिद्ध कर सकते है और ये विचार ही है जो हमें दुनिया में मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ते है.
इसलिए आपको ऐसे किताबे पढनी चाहिए जिनसे आपके अंदर ऐसे विचार आये और अगर ऐसे किताब पढने के बाद अगर आपके दिमाग में ज्यादा से ज्यादा आधे घंटे भी ऐसे विचार गए तो आप कुछ ऐसे फैसला कर लेंगे उस समय में की आपकी जिंदगी बदल जाएगी. इसलिए आपको सफल लोगों के विचारों को पढना चाहिए और प्लान बनाना चाहिए की उन्होंने ऐसा क्या किया था जो आप आज उन के बारे में सोच रहे है और आप के अंदर आपको क्या बदलाव लाना है कि आप का नाम भी दुनिया ले और आपके बारे में भी पढ़ें.

पॉजिटिव (Positive ) थिंकींग एक ऐसा प्रायस जिसको आपको जरुर करना चाहिए अगर आप इस में सफल हो गए तो आप अपनी लाइफ में भी सफल हो गए.
law of attraction क्या है?
दोस्तों law of attraction भी Positive Thinking की तरह ही है ये नियम बताया जाता है कि हम जैसा सोचते है हमारी लाइफ में हमारे साथ वैसा ही घटित होता है इसलिए हम law of attraction और Positive Thinking को अलग नहीं मानते है ये दोनों एक ही चीज के दो नाम है और इस बुक में इन्हीं दोनों के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया गया है.
The Law of Attraction या  आकर्षण  का  सिद्धांत  यह  कहता  है  कि  आप  अपने  जीवन  में  उस  चीज  को  आकर्षित  करते  हैं  जिसके  बारे  में  आप  सोचते  हैं . आपकी  प्रबल सोच हकीक़त  बनने  का  कोई  ना  कोई  रास्ता  निकाल लेती है .लेकिन  Law of Attraction कुछ  ऐसे  प्रश्नों  को  जन्म  देता  है  जिसके  उत्तर  आसान  नहीं  हैं .पर  मेरा  मानना  है  कि  problem Law of Attraction कि  वजह  से  नहीं  है   बल्कि  इससे  है  कि  Law of Attraction को  objective reality (वस्तुनिष्ठ वास्तविकता ) में  कैसे  apply करते  हैं .
यहाँ  ऐसे  ही  कुछ  problematic questions दिए  गए  हैं
  •  क्या  होता है  जब  लोगों  की  intention (इरादा,सोच,विचार,उद्देश्य)  conflict करती  है ,जैसे  कि  दो  लोग  एक  ही  promotion के  बारे  में  सोचते  हैं , जबकि एक  ही  जगह  खाली   है ?
  • क्या  छोटे  बच्चों , या  जानवरों  की  भी  intentions काम  करती  है ?
  • अगर  किसी  बच्चे  के  साथ  दुष्कर्म  होता  है  तो  क्या  इसका  मतलब  है  कि  उसने  ऐसा  इरादा  किया  था ?
  • अगर  मैं  अपनी  relation अच्छा  करना  चाहता  हूँ  लेकिन  मेरा / मेरी  spouse इसपर  ध्यान  नहीं  देती , तो  क्या  होगा ?
ये  प्रश्न  Law of Attraction की  possibility को  कमज़ोर  बनाते  हैं .कभी – कभार  Law of Attraction में  विश्वास  करने  वाले  लोग  इसे  justify करने  के  लिए  कुछ  ज्यादा  ही  आगे  बढ़  जाते  हैं . For Exapmle, वो  कहते  हैं  कि  बच्चे  के  साथ  दुष्कर्म  इसलिए  हुआ  क्योंकि  उसने  इसके  बारे  में  अपने  पिछले  जनम  में  सोचा  था . भाई , ऐसे  तो  हम किसी  भी  चीज  को  explain कर  सकते  हैं , पर मेरी  नज़र  में  तो  ये  तो  जान  छुड़ाने  वाली  बात  हुई .
दोस्तों law of attraction नियम के अनुसार हमें वह सोचना चाहिए जो हमें प्राप्त करना है मतलब अगर आपका सपना है कि दुनियां आपको जाने तो आप को ये भी नहीं सोचना की आपको दुनिया जाने आपको ये सोचना है की दुनिया आपको कैसे जानेगी अगर आप यही यही सोचेंगे तो आपके दिमाग में अपने आप ही ऐसा तरीका जाएगा जिसका आप फॉलो करेंगे तो जो आप चाहते है आप वो कर सकेंगे.
आप जैसे सोचते, विचारते है  वैसा ही काम करते हैं । और वैसे ही हो जाते है । चाहे वह अपनी हीनता छुपाने का कितना भी प्रयास करे, यह मुलभूत भावना लंबे समय छुप नहीं सकती ।
जो व्यक्ति यह महसूस करता है कि वह महत्वपूर्ण नहीं है, वह सचमूच महत्वपूर्ण नहीं होता । ठिक दूसरी तरफ, वह व्यक्ति जो यह सोचता है कि वह कोई काम कर सकता है, तो वह सचमुच उस काम को कर लेगा ।  महत्वपूर्ण बनने के लिए यह सोचना, समझना जरुरी है कि में महत्वपूर्ण हू । सचमें ऐसा सोचें । तभी दूसरे लोग भी हमारे बारे में ऐसा सोचेंगे  ईस तर्क को ठिक से पडे |
आप क्या सोचते है, इससे तय होता है कि आप केसा काम करते हैं ।
आप क्या करते हैं इससे तय होता है :
दूसरे आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं ।
दूसरे लोगों का सम्मान पाने के लिए आपको सबसे पहले तो यह सोचना होगा की आप उस सम्मान के काबिल हैं । और आप अपने आपको जितने सम्मान के काबिल समझेंगे, दूसरे लोग आपको उत्ना ही सम्मान देंगे । ईस सिध्दांत का प्रयोग करके देख लें । क्या आप के दिल मै कभी किसी गरिब या असफल व्यक्ति के लिए सम्मान देखा हैं । हा आपको द्या आ सकती है लेकिन सम्मान नहीं । क्यों?
क्योकिं वह गरिब या असफल व्यक्ति खूद का सम्मान नहीं करता । वह आत्म-स्म्मान के अभाव में अपनि जिंदगी बर्बाद कर रहा है । आत्म सम्मान हमारे हर काम में साफ दिख जाता है । इसलिए हमें इस तरफ ध्यान देना होगा कि हम किस तरह अपना आत्म सम्मान बढा सकते हैं और दूसरों से सम्मान हासिल कर सकते हैं.
इसका एक और नियम वो है की आप जैसा अपने साथ करवाना चाहते है वैसा आपको दुनिया के साथ करना पड़ेगा जैसे आप चाहते है की सभी आपके साथ अच्छा व्यहार करे तो बदले में आपको भी दुनिया के साथ अच्छा व्यहार कर करना पड़ेगा दुनिया से प्यार करना पड़ेगा


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