शशी दिव्या अप्सरा साधना । Apsara sadhana

                                  शशी दिव्या अप्सरा साधना 


बहुत स्टोरी सुनी होगी बचपन में परी कहानियों की  मगर कभी सोचा है अगर उस से मुलाकात हो जाये तो क्या रोमाच होगा !बहुत ही लाजबाब साधनाए है जो आप को उस तत्व को समझने का मोका देती है !संसार में हमेशा इन्सान सचे प्रेम के लिए भटका है !मगर उसे सिवाए छल  के कुश नहीं मिलता !घर का महोल भी कलेश के कारन और जरूरी वस्तुयों की कमी के कारन खराब होता है तो मन इस संसार से उचाटित होना सोभाविक है !तो इन्सान देव शरण का आसरा लेता है मगर किसी भी तत्व को जानने और समझने के लिए आप की अवश्क्ताओ की पूर्ति होनी जरुरी है और बिना इस के आप देव तत्व में भी मन नहीं लगा सकते फिर भी जही कहता हू के  कुश वदलाव तो जरुर होना चाहिए जीवन में जो आपको जीने की कला सिखादे और आप के जीवन में रही कमी को दूर कर दे और सही साथी की तरह सलाह दे और आपको आने वाले समय से आगाह करे आज मुझे ग्रुप में एक सवाल पूछा  गया क्या साबर साधनायो में अप्सरा साधना है !तो उसी सवाल से प्रेरित हो ये साधना दे रहा हू और समय समय ऐसी साधनाए देता रहुगा !



साधना विधि 


  1. यह साधना शुक्रवार रात १० बजे से  स्टार्ट करना है !
  2. उत्तर की और मुह करके ५१ माला  रोज़   ८ दिन  तक करना है !
  3. किसी दुकान से शशी दिव्या यन्त्र और माला ले आये !
  4. यन्त्र को पात्र  में  गुलाब के पुष्प  पर स्तापित कर पूजन करे ! 
  5. बाये हाथ से दायिनी हाथ पर शशि दिव्या अप्सराय नमः  लिखकर निम्न  मंत्र  जप करे !
मंत्र-
!!ॐ ह्लीं आगच्छागच्छ शशि दिव्या अप्सराय नमः!!


Om Hleem Aagchagach Shashi Divya Apsaray namah.
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4 comments:

  1. Namaskar guruji. Mujhe yeh sadhana sikhna hein aur janna hein yeh kya hein. Kripa Mujhe sahi marg darshan Karen.
    Apka bhakt...
    Paul.

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  2. Can we start this Sadhna without guru.

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Thanks

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