दुर्लभ वशीकरण प्रयोग

                     

 दुर्लभ वशीकरण प्रयोग




               
  यह प्रयोग बड़ा ही आसान प्रयोग है और शीघ्र प्रभाव देने वाला भी,इसीलिए इस प्रयोग को दुर्लभ माना जाता है॰
                           वैसे भी यह प्रयोग कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को मंगलवार के दिन किया जाता है,परंतु हमारे कुछ भाई लोगो ने इस प्रयोग को मंगलवार , अष्टमी या कृष्ण पक्ष का कोई अच्छया तिथि हो सम्पन्न करके सफलता हासिल की है,और अब आप भी करके तो देखो॰ इस प्रयोग मे एक पान का पत्ता लेना है,ज्यो किसी पान के दुकान मे आसानी से मिल जाता है,और इस पत्ते को कथ्था लगाकर खाया जाता है (नागरवेल),तो इस पत्ते पे जिसे वश करना है उस व्यक्ति का नाम लिखे और नाम को देखते हुये निम्न मंत्र का जाप 108 बार करे और पत्ते पे तीन बार फुक मारे॰

॥ क्लीं क्रीं हुं क्रों स्फ़्रों कामकलाकाली स्फ़्रों क्रों हुं क्रीं क्लीं स्वाहा ॥


अब इस अभिमंत्रित पत्ते को अपने मुह मे डालकर धीरे-धीरे चबाते हुये निम्न मंत्र जाप जब तक पूरा पत्ता चबाना खत्म ना हो जाये तब तक करना है,

॥ ॐ ह्रीं क्लीं अमुकी क्लेदय क्लेदय आकर्षय आकर्षय मथ मथ पच पच द्रावय द्रावय मम सन्निधि आनय आनय हुं हुं ऐं ऐं श्रीं श्रीं स्वाहा ॥


जब पत्ता समाप्त हो जाये तो थोड़ा पानी पी लीजिये और जिसे वश करना हो उसका स्मरण करते हुये फिर से निम्न मंत्र का जाप 108 बार करे,

॥ क्लीं क्रीं हुं क्रों स्फ़्रों कामकलाकाली स्फ़्रों क्रों हुं क्रीं क्लीं स्वाहा ॥

 

बात सिर्फ ईतनी है की यह प्रयोग अछ्ये कार्य के कीजिये सफलता मिलती है,बुरे कार्य के लिए करोगे तो असफलता भी निच्छित है 


विशेष: - इस साधना मे किसिभी माला की उपयुक्तता नहीं है,और प्रयोग करते समय शरीर पे किसी भी प्रकार का वस्त्र नहीं होना चाहिये,इतना सूत्र ध्यान मे रखिये॰      







संक्षिप्त रामायण के लिए यहाँ क्लिक करे 



 

           

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