प्रिय साधको ,
प्रवीण मंत्र विज्ञान के सभी शिष्य धर्म ग्रहण कर चुके साधक सदस्यों को आज हम एक विशेष साधना बता रहे है जिसके माध्यम से आप अपने आप को अध्यात्म जीवन में सफल बना सकते है l इस साधना को सिद्ध करने के बाद आपके अन्दर बदलाव आएगा जो आपको साधना कार्य में सफल बनाएगा , यह साधना आपके अन्दर जो सुसुप्त अवस्था में जो तंत्र नाडी उसे जाग्रत कर देगी , तंत्र जागरण के बाद आप कोई सी भी साधना हो आसानी से सिद्ध कर पाएंगे . इसकी विधि बहुत ही सरल है :-
विधि:-
दिन : मंगलवारसमय : रात्रि 1:00 बजे बाद
दिशा : उत्तर
अवधि : 7 दिन
वस्त्र : काले रंग के
आसन : शमसान भष्म या भूमि (बिना किसी आसन )
माला : रुद्राक्ष
जप संख्या : 11 माला (नित्य)
उपरोक्त दिए गए सभी तथ्यों के अनुसार किसी भी मगलवार को रात्रि 1:00 बजे बाद भस्म का आसन लगा ले ,याद रहे इसके आलावा कोई भी आसन का प्रयोग निषेद है , उसके बाद उत्तर की तरफ मुख करके बेठ जाये , अपने सामने बजोट पर भगवान शिव को कोई भी चित्र स्थापित कर ले तत्पश्चात पंचोपचार पूजन करे . फिर रुद्राक्ष की माला से आप 11 माला दिए गए मंत्र का जप करे , इस तरह आपको 7 दिन तक इस साधना को करना है ,7 दिन के बाद भगवान शिव का आशीर्वाद लें और माला को अपने पास रखे बाकि सामग्री को जल में विसर्जित कर दें .
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