PHOTO VASHIKARAN PRAYOG- INTRODUCTION


परिचय :-
  फोटो  वशीकरण के नाम से ही समझ आता है की यह साधना चित्र / प्रतिमा / फोटो पर की जाती है। यह साधना त्राटक और मंत्र विधि दोनों ही तरह से की जा सकती है। जिसे भी हमें वश में करना है उस व्यक्ति का फोटो अगर हमारे पास है तो आसानी से हम उसे अपने अधीन कर सकते है चाहे वह हमारे सामने हो या दुनिया के किसी भी कोने में रहता हो।
     यह प्रयोग मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो पर कार्य करता है इसमें हमारे विचारो को सामने वाले व्यक्ति के चित्र पर ट्रान्सफर (आदेश) किया जाता है इसे विचार सम्प्रेषण क्रिया कहा जाता है। इसमें आदेश पुर्णतः करने योग्य होना चाहिए जिससे वह व्यक्ति उसे मानकर कार्य हमारे अनुसार करने लगे। कही बार देखने को मिला है की साधक अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता है इसका मुख्य कारण कार्य करने योग्य आदेश देना होता है जैसे : 100 km रहने वाले व्यक्ति को फोटो पर आदेश दिया जाये की “वह 15 मिनिट में हमारे सामने आने के लिए बेताब है” तो यह कथन असाध्य (असंभव) है। इसलिए संभव होने वाले विचारो को प्रेषित करना चाहिए है।
     इस इ-बुक में दी हुई विधियों को व्यक्ति अपने परिचित या अपरिचित व्यक्तियों को अपने अधीन करने के लिए कर सकते है। इसमें प्रेमी – प्रेमिका, पति-पत्नी , पिता-पुत्र, सास-बहू आदि कर सकते है । इन प्रयोगों को 1 बार सिद्ध करने के बाद आप किसी भी व्यक्ति को वश में करने के साथ बिना बोले किसी को भी अपने विचारों के अनुसार कार्य करने के लिए बाधित कर सकते है।
     प्रयोग करने से पहेले इनके नियम और सीमाए जान लेना आवश्यक है जो की इस इ-बुक में बताई गई है। जिस भी साधना को आप करना चाहते है उसके प्रति निष्ठा और द्रढ़ संकल्प होना ही सफलता है इस बात का ध्यान रखे।
     आकर्षण के सिद्धांत के अनुसार जो हम सोंचते है वही जीवन में घटित होता है अर्थात जो हम सोंचते है सही मायने में हम उसे अपनी ओर आकर्षित करते है। उदाहणार्थ जब कभी हम किसी व्यक्ति के बारे में कही देर तक या गहराई से किसी व्यक्ति के बारे में सोंचते है तो उस व्यक्ति का मोबाइल कॉल या वह स्वयं आ जाता है और हम कहते है में अभी आपके बारे में ही सोंच रहा था। क्योंकि साइंस के अनुसार हमारे दो प्रकार के मन होते है : 1. बाह्य मन और 2. आतंरिक मन




1. बाह्य मन:-
           बाह्य  मन को चेतन मन भी कहा जाता है । यह बहुत ही चंचल होता है और  95% समय विचारों में ही डूबा रहता है । यह मन बिल्कुल कैमरे के सिद्धांतो पर काम करता है । यह जो हम देखते है उसे रिकॉर्ड करके प्ले करता रहता है । ये हमें कार्य करने की प्रेरणा देता है । यह तब तक ही काम करता है , जब तक की हम जाग्रत अवस्था में होते है । सोने के बाद यह स्लीप मोड में चला जाता है और हम बाह्य दुनिया को भूल जाते है अर्थात यह विचार मुक्त हो जाता है।
2. आतंरिक मन:-
              इसको अवचेतन मन भी कहा जाता है। यह मन बिलकुल CPU की तरह कार्य करता है। यह बाह्य मन द्वारा भेजे गए आदेशों का पालन करता है ,लेकिन यह तभी काम करता है जब यह आवश्यक समझे । इसका निर्णय ही कार्य करने के लिए उत्साह पैदा करता है। जो यह मान लेता है वही सत्य होता है। उदाहरण के लिए जब कोई घटना घट जाती है तो अक्सर बाह्य मन काम करना कम कर देता है जब यह निर्णय लेने की क्षमता जागता है और वह घटना हमें हु-बू –हु  याद रह जाती है ।
               वेसे तो यह मन 24 घंटे जाग्रत रहता है मगर यह सोते वक्त अधिक सक्रिय रहता है ,क्योंकि हमारा बाह्य मन उस वक्त सो जाता है। यही कारण है की कई बार हम जिस कार्य के बारे में ज्यादा सोंचते है तो सोते वक्त हमें सपना आ जाता है ।

यह दोनों मन ही हमारे फोटो वशीकरण के प्रयोग को सफल बनाते है।

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