Tratak Ka vegyan

त्राटक


            त्राटक का एक वैज्ञानिक रहस्य जो कि आप सभी को पता होना चाहिए। बहुत सारे कमेंट एवं मैसेजेस मैं यह सवाल बार-बार आ रहा था “यह सब अंधविश्वास है और झूट है“।
हम आपको बताना चाहेंगे की विज्ञान एक सूत्र पर काम करता है उदाहरण के लिए कीसी बल्ब जलाने के लिए हमें धन एवं ऋण आयन की आवश्यकता पड़ती है। मान लीजिए आपने एक तार निकाल दिया, तो उसके अंदर विद्युत का प्रवाह रुक जाएगा, फल स्वरूप बल्ब बंद हो जाएगा।
इसी तरह त्राटक एक सूत्र पर काम करता है, हमारे मस्तिष्क की उर्जा को अगर हम बहाय मन और आंतरिक मन से जोड़कर ऊर्जा को महसूस करेंगे
तो परिणाम स्वतः ही आपके सामने आ जाएंगे।

1.आइए समझते हैं कि इसके परिणाम कैसे आएंगे?
भगवान शिव ने भैरव तंत्र में बहुत पहले ही ध्यान योग के माध्यम से कहीं सिद्धांत दिए हैं जिसमें अणु, परमाणु, मनोविज्ञान आदि।
विज्ञान के अनुसार हमारी सोच की फ्रीक्वेंसी होती है और यह फ्रीक्वेंसी 432 Htz की होती है। जिसे कहीं भी सुना जा सकता है चाहे वह पानी हो, अग्नि हो या जीरो ग्रेविटी हो।
जिस प्रकार मोबाइल मैं नेटवर्क, रेडियो में बैंड, टीवी में चैनल नेटवर्क आदि फ्रीक्वेंसी पर काम करते हैं। ठीक उसी प्रकार हमारेे मस्तिष्क से उत्सर्जित फ्रीक्वेंसी हम एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकते हैं।
2. आईए अध्यात्म से जोड़कर देखते हैं
अध्यात्म में कई प्रकार के मंत्र और योग बनाए हैं। उदाहरण के लिए “ॐ” एक बीज मंत्र है, जिसके उच्चारण से हमारे शरीर में तीव्र कंपन उत्पन्न होता है और हमारा आज्ञा चक्र धीरे-धीरे जागृत होने लगता है। आज्ञा चक्र जागृत हो या ना हो लेकिन आपकी थकान, शरीर में दर्द और मानसिक संतुलन तुरंत ठीक हो जाता है।
3.यह कैसे संभव है?

यही सिद्धांत भगवान शिव ने सात चक्रों के माध्यम से हमें समझाने का प्रयास किया है। ऐसे अन्य और भी कहीं मंत्र है जैसे स्वाहा, फट, ऐं, क्रों, श्रीं आदि।
हर एक मंत्र की अलग-अलग फ्रीक्वेंसी होती है उसी फ्रिकवेंसी के आधार पर साधक को लाभ मिलते हैं।

आपने देखा होगा आपके आसपास ऐसे बहुत सारे लोग होंगे ,जो इन शक्तियों को जानते हैं। कोई बीना बोले मन की बात समझ लेता है, तो कोई गंद सुंग कर बीमारियों का पता लगा लेता है, तो कोई बिना छुए वस्तु को हिला डूला सकता है।
इन्हीं सिद्धांतों पर फॉरेन कंट्रीयों में कई किताब लिखी गई। जिसमें लॉ ऑफ अट्रैक्शन सबसे ज्यादा फेमस किताब हुई।
यह एक रहस्य है जो कि भारत से लिया गया है और आज भारती इस रहस्य से अनजान है।

इस विज्ञानिक सूत्र को समझें और अपने दिमाग की 1% से 100% तक उपयोग करने की क्षमता को बढ़ाने का प्रयास करें।
जिस व्यक्ति का दिमाग 10 प्रतिशत से भी अधिक जागृत हो जाता है वहां महामानव बन जाता है।
आज के लिए इतना ही मैं प्रवीण कुमार फिर मिलूंगा आपसे आगे इसी प्रकार के लेख के साथ जब तक लिए नमस्कार। धन्यवाद जय गुरुदेव।
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