किसी कि दुकान बहुत ही ज्यादा चलती है उसे आप क्या कहेंगे? उसका भाग्य या उसकी किस्मत। लेकिन बहुत सी बार ऐसा देखने को मिलता है कि एक ही तरह की दुकान और एक ही स्थान पर होने के बाद भी किसी कि दुकान कम तो किसी की दुकान बहुत ज्यादा चलती है।
अब हमारी दुकान तो साहब कम चल रही है तो क्या करें, इसे किस्मत को दोष देकर बैठे रहेंगे। या कोई ऐसा जादू मिल जाए कि ग्राहक आपकी दुकान पर भी आने लगे।
दुकान पर ग्राहक आना आपकी किस्मत नहीं आपका भाग्य नहीं आपका अधिकार है। जिसे आपको पाने के लिए जी भर के मेहनत करना चाहिए। मेहनत करने के बाद भी अगर हल न मिले तो फिर आपको बुरी किस्मत कहकर चुप बैठ जाना चाहिए। जी बिल्कुल नहीं! मैने जैसा की आपको अभी कहा था यह आपका अधिकार है। इसे पाना आपका हक है। इसी कारण से तंत्र शास्त्र में इसका वर्णन मिलता है कि आप अपनी दुकान के दुर्भाग्य को बदल कर सौभाग्यशाली कर सकते है। दुकान का भाग्य चमका तो आपकी किस्मत चमक जाएगी।आपकी दुकान पर ग्राहकों की भीड़ लगी रहेगी। बस आपको यह प्रयोग करना है और आपकी किस्मत का बंद ताला खुल जाएगा।
यह प्रयोग पूर्णतः परिक्षित है इसे कही साधकों ने किया है और जीवन में आज वो भरपूर पैसा कमा रहे है।
विधि:
दीवाली की सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहा लें। स्वच्छ होकर पूजा स्थल या दुकान पर दोनों हाथो की हथेलियों को जोड़कर काले उड़द भर लें और नीचे दिए गए मंत्र को 21 बार पूर्ण श्राद्ध भाव से जप करें:
दुकान पर ग्राहक आना आपकी किस्मत नहीं आपका भाग्य नहीं आपका अधिकार है। जिसे आपको पाने के लिए जी भर के मेहनत करना चाहिए। मेहनत करने के बाद भी अगर हल न मिले तो फिर आपको बुरी किस्मत कहकर चुप बैठ जाना चाहिए। जी बिल्कुल नहीं! मैने जैसा की आपको अभी कहा था यह आपका अधिकार है। इसे पाना आपका हक है। इसी कारण से तंत्र शास्त्र में इसका वर्णन मिलता है कि आप अपनी दुकान के दुर्भाग्य को बदल कर सौभाग्यशाली कर सकते है। दुकान का भाग्य चमका तो आपकी किस्मत चमक जाएगी।आपकी दुकान पर ग्राहकों की भीड़ लगी रहेगी। बस आपको यह प्रयोग करना है और आपकी किस्मत का बंद ताला खुल जाएगा।
यह प्रयोग पूर्णतः परिक्षित है इसे कही साधकों ने किया है और जीवन में आज वो भरपूर पैसा कमा रहे है।
विधि:
दीवाली की सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहा लें। स्वच्छ होकर पूजा स्थल या दुकान पर दोनों हाथो की हथेलियों को जोड़कर काले उड़द भर लें और नीचे दिए गए मंत्र को 21 बार पूर्ण श्राद्ध भाव से जप करें:
।। भंवर वीर तू चेला मेरा,खोल दुकान कहाकर मेरा।।
।। उठे जो डंडी बिके जो माल,भवर वीर खाली न जाय।।
।। उठे जो डंडी बिके जो माल,भवर वीर खाली न जाय।।
अब जाकर उस उड़द को तिजोरी या गल्ले में जाकर डाल दें।
आपकी दुकान या बिज़नेस आज से नई उचाईयों को छुएगा।आपका भाग्य उदय आपके हाथों से सफल होगा।
आपकी दुकान या बिज़नेस आज से नई उचाईयों को छुएगा।आपका भाग्य उदय आपके हाथों से सफल होगा।
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